chukandar juice lamb and beetroot curry
चुकन्दर शरीर को शुद्ध और स्वस्थ करता है। यह बलगम को गलाकर बाहर निकालता है तथा गुर्दे के दर्द, झनकबाई और गठिया के लिए लाभदायक
चुकन्दर का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेचिश (खूनी दस्त) रोग हो जाता है।
गाजर के लगभग 1 गिलास रस में चुकन्दर का रस मिलाकर रोजाना 2 बार पीने से स्त्रियों के जननांगों से संबन्धित सारे रोग समाप्त हो जाते हैं।
chukandar juice lamb and beetroot curry |
चुकन्दर का रस या चुकन्दर को पानी में उबालकर इसका सूप सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है। इसकी मात्रा 3 ग्राम तक दिन में 4 बार है। यह प्रयोग कुछ सप्ताह तक निरन्तर जारी रखें। इस प्रयोग से गुर्दे की सूजन भी दूर हो जाती है। अत: गुर्दे के रोगों में लाभदायक है। इससे पेशाब अधिक मात्रा में आता है।
50 मिलीलीटर गाजर का रस, 50 मिलीलीटर चुकन्दर का रस, 50 मिलीलीटर ककड़ी या खीरा का रस मिलाकर पीने से सभी प्रकार की पथरी गलकर बाहर आ जाती है।
चुकन्दर का रस निकालकर या चुकन्दर को पानी में उबालकर उसका सूप 30 मिलीलीटर 2-3 सप्ताह तक दिन में 4 बार बनाकर पीने से पथरी गल जाती है।
चुकन्दर बलगम को निकालकर श्वास नली (सांस की नली) को साफ रखता है।
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चुकन्दर के पत्तों को पानी में उबालकर सिर धोने से फरास दूर हो जाती है और जुएं भी मर जाते हैं।
चुकन्दर के पत्तों का रस निकालकर या पत्तों को पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर गंजे सिर पर लगाने से बाल उगने लगते हैं और बालों का टूटकर गिर जाना या बालों का उड़ना भी बंद हो जाता है।
चुकन्दर खाने या इसका रस पीते रहने से बवासीर के मस्से गांठ के रोगी को शुरुआत के 2 दिन में मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। तीसरे दिन प्रात:काल 1 गिलास पानी में नींबू का रस और 4 चम्मच शहद मिलाकर पिलाएं। दिन में 4 बार एक कप अंगूर का रस तथा मुसम्मी का रस दिन में 1-2 बार पिलाएं। तथा रोगी को शारीरिक श्रम (मेहनत) न करने दें और उसे पूर्ण रूप से आराम करने दें। चौथे दिन से लगातार कुछ दिनों तक आधा गिलास गाजर का रस और आधा चम्मच चुकन्दर का रस मिलाकर दें। सामान्य, हल्का और अंकुरित अन्न ग्रहण करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में गांठ पिघल जाएंगी।
चुकन्दर और गाजर का रस रोजाना सेवन करने से शरीर में खून तेजी से बनता है और शरीर का सौन्दर्य निखरता है।
चुकन्दर का रस रोजाना पीने और सलाद खाने से मानसिक निर्बलता (दिमागी कमजोरी) नष्ट हो जाती है और इसकी स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी बढ़ जाती है।
चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से स्त्री के स्तनों के दूध में वृद्धि होती है।
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चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से पाचन क्रिया (भोजन पचाने की क्रिया) को अधिक शक्ति मिलती है।
चुकन्दर का रस कैंसरनाशक व शक्तिवर्द्धक माना जाता है। चुकन्दर के रस का सेवन करने से वजन भी बढ़ता है।
आधा कप चुकन्दर का रस रोजाना दिन में 3 या 4 बार रोगी को देने से खून के कैंसर में बहुत लाभ मिलता है।
चुकन्दर का रस रक्तशोधक (खून को साफ करने वाला) होता है और शरीर को लालसुर्ख बनाये रखता है।
चुकन्दर थेरेपी के तहत पहले दो दिन उपवास रखें। इसके बाद 3 दिन तक किसी भी फल के जूस पर रहें। इसके बाद 200 मिलीलीटर चुकन्दर, 200 मिलीलीटर गाजर व 50 मिलीलीटर पालक का रस दिया जाता है। यह मात्रा एक दिन के लिए होती है। शरीर में खून की कमी होने पर यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है।
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